एयर इंडिया विमान हादसा : तोड़फोड़ के एंगल से हो रही जांच , ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट से हो सकता है बड़ा खुलासा

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 दिल्ली। एयर इंडिया के विमान हादसे के सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने जानकारी दी कि इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने पूरी तरह से जांच शुरू कर दी है। खास बात यह है कि इस मामले में तोड़फोड़ के पहलू की भी जांच की जा रही है। 12 जून को एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, और इस हादसे में 274 लोग मारे गए थे। अब इस दुर्घटना के कारणों की जांच के बाद ही यह साफ होगा कि क्या यह एक तकनीकी खामी का परिणाम था या कोई और कारण था।

एयर इंडिया की इस विमान दुर्घटना के बाद जांचकर्ताओं ने संभावित कारणों की पड़ताल शुरू कर दी है। मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि इस मामले में हर पहलू की जांच की जा रही है, जिसमें टोड़फोड़ की संभावना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की जा रही है, और कई एजेंसियां इस घटना की जांच कर रही हैं। यह पूरी जांच एएआईबी (विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो) के नेतृत्व में हो रही है, और सभी तथ्य सामने आने तक कोई भी आधिकारिक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।

ब्लैक बॉक्स की भूमिका
विमान की दुर्घटना के बाद सबसे महत्वपूर्ण उपकरण जो बरामद किया गया है, वह ब्लैक बॉक्स है। इस ब्लैक बॉक्स में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) होते हैं, जो विमान के उड़ान के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी रिकॉर्ड करते हैं। इन रिकॉर्डरों में विमान की उड़ान के दौरान दोनों पायलटों के बीच की बातचीत और विमान के तकनीकी डेटा का ब्यौरा होता है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह ब्लैक बॉक्स एएआईबी की हिरासत में है और इसे विदेश भेजने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “यह किसी अन्य देश नहीं जाएगा, यह एएआईबी के पास रहेगा और इसकी पूरी जांच यहां की जाएगी।”

12 जून को, एयर इंडिया की उड़ान AI 171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे, जिनमें से केवल एक यात्री बच पाया। यह विमान दुर्घटना मेघानीनगर इलाके में एक आवासीय क्वार्टर में गिरा, जिससे उस क्षेत्र में आग लग गई और घना काला धुआं उड़ने लगा। पायलट ने दुर्घटना से पहले “मेडे” कॉल किया, जो हवाई सुरक्षा का सबसे बड़ा आपातकालीन संकेत होता है। इसके बाद विमान की ऊंचाई अचानक घटने लगी, और यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में बीजे मेडिकल कॉलेज के नौ छात्रों और उनके रिश्तेदारों की भी जान चली गई।

विमान के दोनों इंजन के फॉल्ट का लगेगा पता
मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि एयर इंडिया विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से कई विशेषज्ञों और पायलटों ने यह दावा किया है कि यह घटना “अत्यधिक दुर्लभ” थी, क्योंकि दोनों इंजन एक साथ बंद होने का मामला पहले कभी नहीं सुना गया था। उनका कहना था कि विमान का इंजन द्वैध विफलता के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ। मंत्री ने कहा, “हमें यह समझने की जरूरत है कि क्या यह समस्या इंजन में थी या ईंधन आपूर्ति में कोई गड़बड़ी थी।” उन्होंने यह भी कहा कि ब्लैक बॉक्स की जांच से इस मामले में अहम जानकारी मिलेगी।

तोड़फोड़ की संभावना पर जांच जारी
इसके साथ ही, मंत्री ने यह भी कहा कि इस विमान दुर्घटना के पीछे कोई साजिश या टोड़फोड़ का पहलू भी हो सकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए इसकी जांच की जा रही है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। मंत्री ने कहा कि इस मामले में कई एजेंसियां काम कर रही हैं और वे सभी पहलुओं की गहन जांच कर रहे हैं।

 

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