- बढ़ती गर्मी के मध्यनजर बेजुबान पशु व पक्षियों के भोजन व पानी की व्यवस्था करना इंसानों की नैतिक जिम्मेदारी है - बिलासचंद जैन
- पशु-पक्षियों और पेड़ पोधो से प्रेम करना प्रकृति एवम ईश्वर से प्रेम करने जैसा ही है। बेजुबान पक्षियों का जीवन बचाकर मानवता धर्म निभाएं - बिलासचंद जैन
मेरठ, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन। प्रमुख समाजसेवी और पशुप्रेमी बिलासचंद जैन व्यक्तिगत रूप से व विभिन्न सोशल मीड़िया के माध्यमों से लोगों को बढ़ती गर्मी के मध्यनजर बेजुबान पशु और पक्षियों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने के प्रति जागरूक कर रहे है। बिलासचंद जैन ने कहा कि पशु पक्षियों में हमारी तरह ही भावनाएं होती है और उनको भी भूख व प्यास लगती है। हमारे आस-पास रहने वाले बेजुबान पशु-पक्षी इंसानों पर ही निर्भर करते है। बेजुबान पशु-पक्षियों के भोजन व पानी की व्यवस्था करना इंसानों की नैतिक जिम्मेदारी है। बिलासचन्द जैन ने कहा कि गर्मी बहुत अधिक पड़ रही है ऐसी गर्मी में बेजुबान पशु-पक्षियों के लिए घरों के बाहर व छतों के ऊपर छायादार स्थानों पर पीने के लिए साफ पानी रखें और यथा सार्म्थय सुबह और शाम इनके खाने की व्यवस्था करें। बिलासचन्द जैन ने कहा कि हो सके तो पानी मिट्टी के बर्तन में ही रखें ऐसा करने से पानी की शीतलता बनी रहती है। ऐसा करने से बहुत से पशु-पक्षियों की जान बचायी जा सकती है। हमारे बीच रहने वाले पशु-पक्षियों को केवल हमारा ही सहारा है। कहा कि पक्षी बहुत ही कोमल और संवेदनशील होते है। गर्मी का मौसम पक्षियों के लिए बेहद कष्टप्रद होता है। गर्मी में बेजुबान पक्षियों का जीवन बचाकर मानवता धर्म निभाएं। बेजुबान पशु-पक्षी भले ही बोल ना सकते हो लेकिन उनमें भी मनुष्य की तरह दर्द, भावनाएं एवं प्यार होता है। पशु-पक्षी भी खुश और दुखी होते है। पशु-पक्षी भी हर बात को समझते और महसूस करते है। पशु-पक्षियों और पेड़ पोधो से प्रेम करना प्रकृति एवम ईश्वर से प्रेम करने जैसा ही है। हमें कभी भी पशु-पक्षियों को ना तो तंग करना चाहिए और ना ही उनको मारना चाहिए। पशु-पक्षी भी इंसानों की तरह भगवान के द्वारा बनाये गये जीव है इसलिए हमें उनके साथ अच्छे से रहना चाहिए। हम सभी मिलकर जानवरों की मदद कर सकते हैं और उन्हें एक सुरक्षित और स्वस्थ दुनिया प्रदान कर सकते हैं। बिलासचंद जैन ने बेजुबान पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए जिला प्रशासन व राज्य सरकारों से भी निवेदन किया कि गर्मी के दिनों में तलाबों-पोखरों आदि में सफाई करायी जाये और उनमें पर्याप्त मात्रा में पानी रखा जाये।
Post a Comment