सुशासन की सरकार में किसानों पर आई मुसीबत,धान मंडियों में खरीदी लिमिट कम होने से किसानों के साथ प्रबंधक भी परेशान,....

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रायपुर/छत्तीसगढ़ प्रदेश में धान मंडियों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का एक माह पूरा हो गया है और इस एक माह अधिकांश धान मंडियों में किसानों को अपने फसल बेचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा है साथ ही सोसाइटी प्रबंधक भी इस वर्ष शासन प्रशासन की तुगलकी व्यवस्था प्रतिदिन सोसाइटियों की खरीदी लिमिट आधा कर दिया गया है वार्षिक खरीदी में भी कटौती कर दिया है साथ ही  NIC की गड़बड़ी के कारण किसानों के रकबा भी कट गया है जिससे किसानों को टोकन कटवाने और धान बेचने के लिए परेशान होता देखा जा रहा सोसाइटी प्रबंधक भी बहुत कम किसानों का धान खरीद  पा रहे हैं जिससे उनको भी तय समय पर टारगेट पूरा कर पाना असंभव सा दिख रहा है! सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार  पड़ोसी  जिला शक्ति एवं जांजगीर चांपा में  खरीदी करने का मात्रा बढ़ गया है परंतु  कोरबा जिला में पता नहीं यह मामला लंबित क्यों है वही देखा जाए तो मंडी प्रबंधकों का कहना है कि कटा फटा बरदाना मिलरो 

के द्वारा दिया जा रहा है जिससे धान उठाओ भराव में बहुत ही ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बारदाना का सिलाई करते-करते कई कर्मचारियों का समय व्यतीत हो रहा है 


कोरबा जिले के डीएमओ रितुराज देवांगन का कहना है कि शासन प्रस्ताव भेजा गया है प्रस्ताव पास होने के बाद खरीदी का लिमिट बढ़ने जल्द से जल्द संभावना है।

 

प्रदेश में सुशासन की अलाप लगाने वाली भाजपा सरकार को यथाशीघ्र किसानों की समस्याओं को देखते हुए धान मंडियों में प्रतिदिन खरीदी लिमिट को बढ़ाने के लिए अमल करना चाहिए ताकि किसान अपनी गाढ़ी कमाई का फसल समर्थन मूल्य पर आसानी से बेच सके!

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