सरपंच की संवेदनशील पहल से दिव्यांग को मिली ट्राई साइकिल वर्षों की पीड़ा और संघर्ष का हुआ अंत

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एमसीबी। शासन की योजनाएँ तभी सार्थक होती हैं जब वे सही समय पर सही व्यक्ति तक पहुँचें। ऐसा ही एक मानवीय उदाहरण जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत भलौर में देखने को मिला जहाँ वर्षों से ट्राई साइकिल के लिए संघर्ष कर रहे गरीब दिव्यांग राजेंद्र सिंह की लंबी प्रतीक्षा आखिरकार समाप्त हुई।

        राजेंद्र सिंह शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं। दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति, इलाज, राशन लाना या किसी कार्य से बाहर जाना उनके लिये किसी चुनौती से कम नहीं था। बीते कई वर्षों से वे शासन की दिव्यांग कल्याण योजनाओं के अंतर्गत ट्राई साइकिल प्राप्त करने के लिए विभिन्न शासकीय कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे लेकिन प्रक्रिया में विलंब और लापरवाही के चलते उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगी। इस बीच ग्राम पंचायत भलौर के युवा सरपंच धर्मपाल सिंह टेकाम और जिला पंचायत सदस्य उजित नारायण सिंह को जब इस पीड़ित दिव्यांग की स्थिति की जानकारी मिली तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल पहल की। दोनों जनप्रतिनिधियों ने संबंधित विभागों से लगातार संपर्क कर आवश्यक औपचारिकताओं को पूर्ण कराया और शासन की योजना का लाभ जरूरतमंद तक पहुँचाया।

   उनके प्रयासों के फलस्वरूप राजेंद्र सिंह को ट्राई साइकिल उपलब्ध कराई गई। ट्राईसाइकिल मिलने के बाद राजेंद्र सिंह के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। उन्होंने बताया कि अब वे अपने दैनिक कार्य स्वयं कर सकेंगे और दूसरों पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जायेगी। इस अवसर पर हितग्राही राजेंद्र सिंह ने सरपंच धर्मपाल सिंह टेकाम, जिला पंचायत सदस्य उजित नारायण सिंह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता और सक्रियता से ही उन्हें यह सुविधा मिल पाई है साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।

           यह पहल ना केवल एक दिव्यांग के जीवन में आत्मनिर्भरता की नई राह खोलती है बल्कि समाज में यह संदेश भी देती है कि यदि जनप्रतिनिधि संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें तो शासन की योजनाएँ अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सकती हैं।

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