ऑनलाइन के चक्कर में टोकन कट नहीं रहा है।

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राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ राज्य।



छत्तीसगढ़ राज्य में धान खरीदी का प्रक्रिया चालू हो चुका है छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा मगर ऐसी स्थिति आन पड़ी है कि किसानों का टोकन कट नहीं रहा है ऑनलाइन के चक्कर में किसान परेशान है सवेरे 6:00 बजे से लेकर शाम 8:00 बजे तक टोकन का इंतजार करते रहते हैं मगर उसके बावजूद भी टोकन नहीं कट रहा है क्योंकि सरकार के द्वारा ऑनलाइन धान टोकन अप के अंतर्गत मोबाइल के माध्यम से काटना है एवं कंप्यूटर के भी माध्यम से घटना है मगर ऐसी स्थिति में सरवर का प्रॉब्लम रहता है लिंक का प्रॉब्लम रहता है जिसकी वजह से किसान परेशान हो चुका है इसी तरह की एक घटना सामने आई है महासमुंद मैं एक किसान ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उसका टोकन नहीं काटा तो इसी तरह की स्थिति रहेगी तो किसान परेशान हो जाएगा और धन को बीच नहीं पाएगा क्योंकि टोकन के अनुसार में ही धान खरीदी को सुनिश्चित किया है राज्य शासन के द्वारा वहीं पर लिमिट को भी काम कर दिया गया है लिमिट को बढ़ाया जाए अगर लिमिट बढ़ा दिया जाता है तो उसे स्थिति में अधिक मात्रा में धान की खरीदी हो सकती है।


वहीं दूसरी तरफ राज्य शासन के द्वारा जो भी धान खरीदी की जा रही है उसके अंतर्गत में हमारी का खर्चा दो हर चीज का खर्चा दो यह किसने से वसूल किया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं करने को है क्योंकि राज्य शासन के द्वारा निर्धारित कर दी गई है रेट लिस्ट को जिसका भुगतान राज्य शासन करेगी मगर ऐसा नहीं हो रहा है किसानों से खर्चा लिया जा रहा है किसान परेशान है एक तो किस को ले देकर फसल उत्पादन होती है किसी की धान को कीड़ा मकोड़ा का देते हैं तो किसी को जानवर का देते हैं जिसकी वजह से किस की आधा धन को बर्बादी की ओर ले जाती है प्राकृतिक आपदा ले जाती है वहीं पर राज्य शासन दोहरी रणनीतिकार हमारी का चार्ज ले रही है वहीं पर नमी को उचित मापदंड के आधार पर नहीं ले रही है जिससे किसान परेशान है आज ऐसी स्थिति है कि किसान परेशान है सरकार मालामाल है।



वहीं दूसरी तरफ किसानों के द्वारा रवि फसल लेने की तैयारी कर चुके हैं मगर ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि रवि फसल लेने से खेतों में नमी आ जाती है जिसके कारण उत्पादन क्षमता काम हो जाती है जिसकी वजह से पैदावार कम होती है इसलिए किसान एक तो बरसाती फसल को ले देकर बिक्री कर लेती है मगर वहीं पर रवि फसल को चवन्नी के भाव में बिक्री करती है जिसकी वजह से किसन को लाभ नहीं मिल पाता ठीक हैं। 


सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि किसान का टोकन नहीं काटने की वजह से आत्महत्या करने को मजबूर हो जा रही है किसान हमने नरियारा सेवा सहकारी समिति का अवलोकन किया तो पता चला कि टोकन नहीं काटने के कारण किसानेौ की भारी भीड़ लगी रहती हैं। 


शाखा प्रबंधक से हमने जानकारी लिया तो उन्होंने बताया कि टोकन नहीं कट रहा है इसलिए कि सरवर प्रॉब्लम है आधे किसान मायूस होकर वापस अपने घर को चले जाते हैं फिर दूसरे दिन नंबर लगाते हैं तो भी नहीं कटता तीसरे दिन भी वही हाल चौथे दिन भी वही हाल इस तरह से किसान परेशान है सरकार मालामाल है।


हमने यह भी देखा कि कई केदो में लेनदेन भी चालू नहीं हुआ है जिसकी वजह से संबंधित केंद्र में सन्नाटा फैला हुआ है केवल यही कारण है कि टोकन नहीं काटने के कारण सन्नाटा है अन्यथा किसी भी केंद्र में पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष भीड़ कम नजर आ रही है मंत्र ऑनलाइन टोकन सिस्टम की वजह से।


विशेष एवं महत्वपूर्ण बात तो यह है कि लिमिट को नहीं बढ़ने की वजह से और परेशानी हो रही है लिमिट को कम कर दिया गया है टोकन भी कट नहीं रहा है इतनी सारी परेशानियां आ रही है की किसान परेशान होकर अपने घर को चला जाता है आंखीर में किसान अपनी धन को बेचे तो बेच कहीं।



हमारे संवाददाता कहते हैं कि इस तरह की परेशानी रही तो किसान को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है राज्य शासन मालामाल है किसान कंगाल है ऐसी स्थिति में धान खरीदी करने का जो समय है वह आगे बढ़ाना अति आवश्यक है जहां फरवरी में बंद करने का आदेश निकल गया है उसको मार्च किया जाए क्योंकि सरवर की प्रॉब्लम की वजह से किसानों का टोकन नहीं कट रहा है इसलिए समय सीमा को बढ़ाने का एक अच्छा पहल एक अच्छा कदम रहेगा राज्य शासन के द्वाराक।



रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ राज्य।

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