पत्थलगांव में मानवता शर्मसार : कबाड़ चुनने वाले 18 वर्षीय युवक को रसूखदारों ने जानवरों की तरह पीटा, 2 घंटे तक चला दरिंदगी का खेल...

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जशपुर। जिले के पत्थलगांव में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ अंबिकापुर रोड पर रसूख के नशे में चूर कुछ लोगों ने एक गरीब, 18 वर्षीय युवक पर ऐसा कहर बरपाया कि देखने वालों की रूह कांप जाए। हाथ में फ्रैक्चर, शरीर पर अनगिनत नीले पड़े निशान और दहशत में डूबा यह परिवार चीख-चीख कर पूछ रहा है— "क्या गरीबों के लिए इस देश में कोई कानून नहीं है?"


क्या है पूरा मामला? - घटना बीते मंगलवार (16 तारीख) की है। वार्ड क्रमांक 10, नगर पालिका के पीछे रहने वाला 18 वर्षीय अख्तर शेख, जो कबाड़ बीनकर अपना पेट पालता है, अपने काम के लिए निकला था। पीड़ित के मुताबिक, तालाब के पास उसे कुछ लोगों ने घेर लिया। इसके बाद शुरू हुआ हैवानियत का वो दौर जो करीब डेढ़ से दो घंटे तक चला।


​आरोपियों ने लाठी, डंडे और रॉड से लड़के को इतना पीटा कि उसका हाथ टूट गया और वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गया। वीडियो में युवक की पीठ पर पड़े गहरे जख्म इस बात की गवाही दे रहे हैं कि हमलावरों के सिर पर खून सवार था।


"थाना सामने था, पुलिस को देते, खुद कानून हाथ में क्यों लिया?" - पीड़ित की माँ, सीमा बानो, का कहना है कि वे लोग मजदूरी करने गए थे। जब वापस आए तो बेटे की हालत देख सन्न रह गए। उनका कहना है, "मेरा बेटा अगर दोषी था, तो उसे पुलिस के हवाले करते। थाना सामने है। लेकिन उन्हें उसे जान से मारने का हक किसने दिया? हम गरीब हैं तो क्या हमारी कोई सुनवाई नहीं होगी?"


​बताया जा रहा है कि करीब दो महीने पहले भी इन्हीं लोगों ने लड़के के साथ मारपीट की थी, लेकिन गरीबी और डर के कारण यह परिवार चुप रहा। इसी चुप्पी ने आरोपियों का हौसला बढ़ा दिया और इस बार उन्होंने सारी हदें पार कर दीं।


पड़ोसियों में आक्रोश : "अमीर और गरीब के लिए अलग कानून क्यों?" - घटना के बाद से मोहल्ले में भारी आक्रोश है। पीड़ित के पड़ोसी ने बताया कि लड़के को इतनी बुरी तरह मारा गया है जितना कोई जानवर को भी नहीं मारता। उन्होंने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, "अगर पैसे वाले किसी की जान भी ले लें तो कुछ नहीं होता, और गरीब अगर सांस भी ले तो उसे जेल भेज दिया जाता है। यह कैसा न्याय है? हमें प्रशासन से जवाब और सख्त कार्रवाई चाहिए।"


वीडियो वायरल होने के बाद जागी पुलिस : हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस तब हरकत में आई जब बच्चे की बेरहमी से पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। आनन-फानन में लड़के को पत्थलगांव सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उसके हाथ पर प्लास्टर चढ़ा है और शरीर का पूरा हिस्सा सूज गया है।


सवाल जो चुभ रहे हैं :


* ​एक निहत्थे 18 साल के लड़के को 3-4 लोगों द्वारा घेरकर रॉड-डंडे से पीटना क्या 'मॉब लिंचिंग' की कोशिश नहीं थी?

* ​क्या आरोपियों को अपनी रईसी और रसूख का इतना गुमान है कि उन्हें पुलिस और कानून का रत्ती भर भी खौफ नहीं?

* ​क्या प्रशासन अब इन 'सफेदपोश गुंडों' को जेल की सलाखों के पीछे भेजेगा या फिर एक गरीब की फाइल धूल फांकती रह जाएगी?


पीड़ित परिवार ने साफ कर दिया है कि उन्हें सुलह नहीं, न्याय चाहिए। अब देखना होगा कि जशपुर पुलिस इस मामले में कितनी तत्परता दिखाती है।

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