अंधविश्वास का खूनी खेल: जशपुर में 'मुर्दा जलाने' के नाम पर वसूली और महिला से बर्बरता, 10 आरोपी सलाखों के पीछे

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​जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में अंधविश्वास की एक ऐसी खौफनाक कहानी सामने आई है, जिसने आधुनिक समाज और कानून व्यवस्था को चुनौती दे दी है। दुलदुला थाना क्षेत्र के ग्राम भिंजपुर में एक मृत महिला को 'जिंदा' करने का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले और एक निर्दोष महिला को 'टोनही' बताकर लहूलुहान करने वाले गिरोह के अंतिम दो सदस्यों को भी पुलिस ने दबोच लिया है।

​मौत, तंत्र-मंत्र और ठगी का जाल

​मामले की शुरुआत 8 नवंबर को हुई थी। रायपुर निवासी सुनीता भगत की मौत के बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। लेकिन अंधविश्वास की जकड़ में फंसे परिजनों को लगा कि सुनीता की मौत प्राकृतिक नहीं बल्कि 'नजर' लगने से हुई है। इसी सनक ने उन्हें रायगढ़ के बैगा कृपा चौहान और उसके साथियों तक पहुँचा दिया।

​बैगाओं ने दावा किया कि वे तंत्र-मंत्र से मृतका को दोबारा जिंदा कर देंगे। कब्र के पास तांत्रिक क्रियाएं की गईं और परिजनों से मोटी रकम वसूली गई।

​असफलता छिपाने के लिए रची साजिश

​जब मृतका जिंदा नहीं हुई और परिजनों ने पैसों का हिसाब मांगा, तो अपनी पोल खुलती देख बैगाओं ने पैंतरा बदल लिया। उन्होंने अपनी नाकामी का ठीकरा गांव की ही 53 वर्षीय महिला फौसी बाई पर फोड़ दिया और उसे 'टोनही' घोषित कर दिया। इसके बाद उत्तेजित भीड़ और परिजनों ने मासूम महिला पर हमला कर दिया और उसके साथ जमकर मारपीट की।

​पुलिस की बड़ी कार्रवाई: बंदर की हड्डी जब्त

​पीड़िता की शिकायत पर एसएसपी शशि मोहन सिंह के निर्देशानुसार पुलिस ने दबिश दी। पहले 8 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका था, लेकिन दो शातिर बैगा रत्थू राम चौहान और विरनची महतो फरार थे।

​लोकेशन ट्रेस: पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर सारंगढ़-बिलाईगढ़ के ग्राम लेंथरा में घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार किया।

​जब्ती: आरोपियों के पास से तंत्र-मंत्र में इस्तेमाल होने वाली बंदर की हड्डी और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई है।

​धाराएं: आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं और टोनही प्रताड़ना अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की गई है।

​कानून का कड़ा संदेश

​जशपुर पुलिस ने इस कार्रवाई से साफ कर दिया है कि अंधविश्वास की आड़ में हिंसा फैलाने वालों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है।

​"समाज को टोनही जैसे अंधविश्वास के कलंक से बाहर निकलना होगा। किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। पुलिस ऐसे तांत्रिकों और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी।" > — शशि मोहन सिंह, एसएसपी, जशपुर

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