जशपुर में फर्जी RTI एक्टिविज़्म का भंडाफोड़?...

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जशपुर। जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सूचना के अधिकार (RTI) जैसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक कानून की साख पर चोट पहुँचाने की कोशिश को उजागर कर दिया। दुलदुला क्षेत्र में एक युवक द्वारा पंचायत सचिवों से “RTI के नाम पर” वसूली का दबाव बनाया जा रहा था। जशपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।


लंबी-चौड़ी RTI का उद्देश्य - जानकारी नहीं, डर पैदा करना : आरोपी तरुण भारद्वाज (22 वर्ष), निवासी ग्राम अंडा (जिला शक्ति), ने दुलदुला जनपद क्षेत्र की 30 ग्राम पंचायतों को लगभग एक जैसा, अत्यधिक विस्तृत RTI आवेदन भेजा। इन आवेदनों में 5 सालों के वित्तीय व तकनीकी दस्तावेजों की ऐसी सूची मांगी गई जो ना तत्काल उपलब्ध है, ना RTI के दायरे में सीधे-सीधे आती है।


अधिकांश सचिवों ने नियमानुसार न देने योग्य जानकारी से संबंधित उत्तर भेज दिया। लेकिन इसी के बाद सामने आया असली मकसद।


“जानकारी देना है या कोई व्यवस्था करनी है?” —फोन कॉल ने खोली मंशा : ग्राम पंचायत कस्तूरा–जामपानी की सचिव देवकी यादव को 18 नवंबर को एक कॉल आया। कॉलर ने स्वयं को तरुण भारद्वाज बताते हुए सीधा सवाल किया - “जानकारी दोगे या कुछ व्यवस्था करोगे?”


जब सचिव ने “व्यवस्था” का अर्थ पूछा तो युवक ने अपनी नीयत स्पष्ट कर दी - “प्रति पंचायत सचिव 3000 रुपये दे दो, नहीं तो मैं ऐसी जानकारी निकालूंगा कि सबकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।” सचिव ने यह बातचीत रिकॉर्ड कर ली।


अगले ही दिन, जब वह प्रथम अपील की सुनवाई के लिए जनपद कार्यालय पहुँचा, उस समय भी 30 सचिवों से 90,000 रुपये की माँग दोहराई गई। डर की स्थिति में दो सचिवों ने उसके खाते में 500–500 रुपये भेज भी दिए।


पुलिस की त्वरित कार्रवाई: जनपद कार्यालय से ही गिरफ्तारी : शिकायत मिलने पर थाना दुलदुला में BNS की धारा 308(2) - जबरन वसूली के प्रयास : के तहत अपराध दर्ज किया गया- उसके बाद पुलिस ने बिना देरी किये : जनपद पंचायत दुलदुला के परिसर से ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।


पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसे कहीं से यह “ज्ञान” मिला था कि RTI के माध्यम से डर पैदा कर पैसा कमाना आसान है, और यह उसका “पहला प्रयोग” था।


पुलिस ने आरोपी का मोबाइल जब्त कर अन्य संभावित मामलों की जांच भी शुरू कर दी है।


SSP का संदेश :  “RTI के नाम पर डर फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा” : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा कि -


* RTI के दुरुपयोग और वसूली की कोशिशें गंभीर अपराध हैं

* ऐसे मामलों में पुलिस की नीति सख्त और स्पष्ट है

* आरोपी की अन्य गतिविधियों की भी विस्तृत जांच की जा रही है


इस कार्रवाई में थाना प्रभारी कृष्ण कुमार साहू और उनकी टीम मोहन बंजारे, अलेक्सियूस व आनंद खलखो की उल्लेखनीय भूमिका रही।


संक्षेप में: RTI की रक्षा का मामला, सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं : RTI ने देश में अनेक बड़े भ्रष्टाचार उजागर किए हैं। लेकिन यही कानून, जब कुछ लोग व्यक्तिगत लाभ के लिए डर और दवाब का माध्यम बनाते हैं, तो


* सभी ईमानदार RTI कार्यकर्ताओं की छवि को नुकसान पहुँचता है,

* जवाबदेही का पूरा ढांचा कमजोर पड़ता है,

* और पंचायत से लेकर बड़े विभागों तक प्रशासनिक कार्य संस्कृति पर गलत असर पड़ता है।


इसलिए दुलदुला में हुई कार्रवाई सिर्फ एक युवक की गिरफ्तारी नहीं - RTI कानून की मर्यादा, लोकतांत्रिक पारदर्शिता और ईमानदार व्यवस्था की रक्षा का कदम है।


> “आज SP साहब से हुई चर्चा में स्पष्ट हुआ कि कई कथित RTI कार्यकर्ताओं ने वर्षों से दुलदुला क्षेत्र की पंचायतों में भारी रकम की वसूली की है। इस पूरे प्रकरण की सच्चाई उजागर करने के लिए मेरे द्वारा जनपद CEO के समक्ष, एक विस्तृत RTI आवेदन दाखिल किया जा रहा है । अब देखना यह है कि आखिर कितने लोग ‘वसूलीबाज़ी’ के इस गोरखधंधे में शामिल हैं। मेरी स्पष्ट अपेक्षा है कि सभी पंचायतों का पूरा रिकॉर्ड और समस्त विवरण पारदर्शिता के साथ मुझे उपलब्ध कराया जाएगा ।” ऋषिकेश मिश्रा : RM24


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