छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री का नया नियम...अब घर बैठे ऑनलाइन होगी रजिस्ट्री...बिचौलियों को झटका...जानें क्या हैं फायदे

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन की रजिस्ट्री की पुरानी व्यवस्था बेहद जटिल और समय लेने वाली थी। नागरिकों को हफ्तों तक दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे और बिचौलियों के बिना काम निकलना लगभग नामुमकिन था। लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए भूमि रजिस्ट्री प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बना दिया है।

जटिल प्रक्रिया और पारदर्शिता की कमी थी सबसे बड़ी समस्या

पहले रजिस्ट्री कराने में महीनों लग जाते थे। खसरा-खतौनी में गलतियां, फर्जी बिक्री पत्र, दोहरी बिक्री और दस्तावेज़ों की गड़बड़ी आम बात थी। ग्रामीणों को अपनी जमीन की रजिस्ट्री के लिए 100-200 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती थी। पारदर्शिता की कमी के कारण लोगों को यह भी पता नहीं चलता था कि उनकी फाइल किस स्थिति में है।

डिजिटल रजिस्ट्री: साय सरकार का क्रांतिकारी कदम

साय सरकार ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और ई-गवर्नेंस मॉडल को अपनाया। अब लोग घर बैठे ही मोबाइल एप और पोर्टल के जरिए रजिस्ट्री करा सकते हैं।

चरणबद्ध प्रक्रिया से बनी आसान रजिस्ट्री

ऑनलाइन आवेदन : पोर्टल या मोबाइल एप से आवेदन

PAN व आधार इंटीग्रेशन : खरीदार और विक्रेता की पहचान की पुष्टि

My Deed मॉड्यूल : सभी दस्तावेज़ों का सुरक्षित डिजिटल स्टोरेज

डिजिटल स्टांप शुल्क भुगतान : ऑनलाइन भुगतान से पारदर्शिता

जियो-रेफ्रेशिंग : भूमि की लोकेशन और सीमाओं की डिजिटल मैपिंग

ऑनलाइन वेंडर लोकेशन : पोर्टल पर स्टांप वेंडरों की जानकारी

ई-रजिस्ट्री : अंतिम रजिस्ट्री डिजिटल हस्ताक्षर सहित जारी

मोबाइल एप से मिली अतिरिक्त सुविधा

सरकार ने एक आसान मोबाइल एप भी लॉन्च किया है। इसमें नागरिक रजिस्ट्री की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं, दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं और हर चरण की अपडेट पा सकते हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो गई है।

नागरिकों को मिले ये बड़े फायदे

समय की बचत : अब महीनों का काम कुछ ही दिनों में

भ्रष्टाचार पर रोक : बिचौलियों से मुक्ति

पारदर्शिता : हर प्रक्रिया का डिजिटल रिकॉर्ड

सुगमता : मोबाइल एप से कहीं भी, कभी भी रजिस्ट्री

विवादों में कमी : डिजिटल मैपिंग से जमीन की स्पष्टता

छत्तीसगढ़ बना ई-गवर्नेंस का आदर्श मॉडल

डिजिटल भूमि रजिस्ट्री की शुरुआत ने छत्तीसगढ़ को नागरिक सेवाओं के क्षेत्र में एक नई पहचान दी है। यह केवल तकनीकी बदलाव नहीं बल्कि पारदर्शिता, न्याय और नागरिक सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी पहल है। आने वाले समय में इसे ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जोड़कर और भी तेज़, सुरक्षित और विवाद-मुक्त बनाया जाएगा।

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