ठेकेदार के अंडर काम करने वाले युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, ठेकेदार भरत पाल और अरुण पाल पर परिवार वालों का गंभीर आरोप,पुलिस अधीक्षक से हुई शिकायत......

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कोरबा :- कोरबा जिला के बाल्कोनगर थाना क्षेत्र के रुमगरा में एक ठेकेदार के अंडर काम करने वाले युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है और ठेकेदार के कहने पर परिवार वालों ने उसका कफ़न दफन कर दिया अब उसके परिवार के लोग उसके मौत पर सवाल खड़ा करते हुए मृतक तौसिफ रजा उर्फ सोनू के पिता नजरे इमाम ने पुलिस अधीक्षक कोरबा को लिखित शिकायत करते हुए शव का खोदवाकर पोस्टमार्टम कराकर मृत्यु की सही जानकारी का पता लगाकर दोषी ठेकेदार भरत पाल और उसके छोटे भाई अरुण पाल के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है! 




क्या है पूरा मामला.,.. 



रुमगरा में नजरे इमाम अपने परिवार के साथ निवास करता है और उसका मृतक पुत्र तौसिफ रजा उर्फ सोनू ठेकेदार भरत पाल के अंडर ड्राइवर/सुपरवाइजर का काम करता था लेकिन उसे दो महीने से वेतन का भुगतान ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया जिसके कारण वह काम में जाना बंद कर दिया और घर में रहकर घर का काम करने लगा! 27/03/2025 को ठेकेदार भरत पाल उसके घर आकर उसके पुत्र को उड़िसा के साईड में जाकर काम करने को बोला गया और उसके द्वारा प्रलोभन दिया गया की वहाँ 15 दिन काम करने के बाद पिछले दो महीने का बकाया वेतन दे दिया जावेगा तब तौसिफ रजा उसी दिन काम करने के लिए भरत पाल और अरुण पाल के साथ उड़िसा चला गया और काम करने के 15 दिन बाद पिछले दो महीने का वेतन की मांग की गई तो मृतक के साथ उनका वादविवाद हुआ इसकी मृतक फोन करके अपने परिवारवालों को बताया था ! 19 अप्रैल को सुबह मृतक आसिफ रजा के मोबाइल से मेरे मोबाइल पर फोन आया जिसमें अरुण पाल ने बात किया और उसके द्वारा बताया गया की आसिफ रजा की तबियत बहुत ज्यादा खराब है वह बोल नही पा रहा है और उसे हम लोग हास्पिटल में भर्ती कर रहे हैं कुछ घंटों बाद अरुण पाल ने फिर से फोन करके बताया की मेरे पुत्र की तबीयत में सुधार हो गया है और उसका सारा टेस्ट नार्मल है उसी दिन शाम को अरुण पाल के द्वारा फिर से मुझे फोन करके बोला गया की आसिफ रजा की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गया है तब हम लोगो के द्वारा उसे विडियोकाल करके दिखाने को बोला गया और उसे अच्छे हास्पिटल में भर्ती करने को कहा गया हमारे द्वारा बोला गया की हम लोग पैसे की व्यवस्था करके उड़िसा आ रहें हैं तब फिर अरुण पाल ने कुछ घंटों बाद फोन करके बताया गया की आसिफ रजा की तबियत बहुत ज्यादा खराब है और वह सांस नहीं ले पा रहा जिसे हम लोग अपने स्कार्पियो में कोरबा लेकर आ रहें थे लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई है तुम लोग यहाँ मत आओ वापस रुमगरा चले जाओ हम तुम्हारे बेटे की शव को लेकर रुमगरा आ रहें हैं बोला गया और सुबह मेरे घर में बेटे आसिफ रजा की शव को लेकर अरुण पाल लेकर आया और उसके द्वारा कफ़न दफन के लिए पन्द्रह हजार रुपये दिया गया दूसरे दिन अरुण पाल के द्वारा पचास हजार रुपये बैंक खाता में डाला गया और बोला गया की यह पैसा दो महीने का बकाया था यह वही पैसा है! 



ठेकेदार मृतक के परिजनों को नहीं बता रहा है हास्पिटल रिकॉर्ड... 



मृतक के परिजनों ने अपने बेटे आसिफ रजा का कफ़न दफन और अन्य प्रोग्राम करने के बाद ठेकेदार भरत पाल और अरुण पाल के पास जाकर अपने बेटे की हास्पिटल में भर्ती के दौरान डाक्टरों द्वारा किये गए ईलाज, दवाई और डिस्चार्ज पेपर का रिकॉर्ड / फाईल मांंगा गया लेकिन ठेकेदार भाईयों ने उन्हें किसी भी प्रकार की जानकारी रिकॉर्ड नहीं दिया जा रहा है,आखिरकार ठेकेदार भाई मृतक की हास्पिटल रिकॉर्ड की जानकारी उसके परिजनों को क्यों नहीं दे रहे हैं? इससे कई सवाल खड़े हो रहें हैं क्या वाकई मे मृतक की मृत्यु बिमारी से हुई है या उसे मारा गया है?सही में मृतक को किसी हास्पिटल में भर्ती करवाया गया था? और अगर एक दिन की ही बिमारी में मृतक की मृत्यु हुई है तो इसकी जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी गई? मृतक का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया? इन्ही सवालो को लेकर मृतक के परिजन पुलिस अधीक्षक कोरबा को लिखित आवेदन देकर जांच की मांग किये हैं!

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