ऐतिहासिक करमा महोत्सव का हुआ आयोजन सैकड़ों लोग रहे उपस्थित,दूर दूर के करमा दलों ने लिया हिस्सा ....

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जशपुर :- पत्थलगांव विकास खंड अन्तर्गत ग्राम टिहलीसराई में उरांव आदिवासी समाज द्वारा करमा नृत्य कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया, आप को बता दें की आदिवासियों की करमा त्योहार पारंपरिक (पूर्वजों) की त्योहार है।इसे विलुप्त होने से बचाने और अपने समाज में सामाजिक परंपरा को बनाये रखने और सांस्कृतिक परंपरा को युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए करमा त्योहार का आयोजन किया गया साथ ही करमा नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  इस करमा प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए दूर दूर से करमा नृत्य दल भाग लेने के लिए आए, जिसमें महिला और पुरुष वर्ग के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया! 



पारंपरिक पोशाक और आभूषणों से सुसज्जित होकर महिला व पुरुष अपने करमा नृत्य दल के साथ करमा नाचने के लिए मैदान में उतरे जिसे देखने के लिए हर वर्ग के लोग उत्साहित थे। करमा नृत्य दलों की पोशाक व कला नृत्य लोगों को काफी पसंद आया ।



बता दें कि उरांव समाज में करमा त्योहार प्रचलित और पारंपरिक त्योहारों में मुख्य त्योहार है समाज के लोग करमा त्योहार मनाने के लिए हर्षोंउल्लास के साथ धूमधाम से तैयारी करते हैं और करमा नृत्य करते हुए करमा(पेड़)की डाली को उपवास के साथ पूजा करके काट कर लाया जाता है और उसका रीति रिवाज के अनुसार  पूजा किया जाता है, उरांव आदिवासी समाज के लोग अपने संस्कृति परंपरा की रक्षा के लिए हर साल इस प्रकार की करमा नृत्य का आयोजन करते हैं।



करमा नृत्य प्रतियोगिता का ईनाम का चयन दलों के साज सज्जा,वेश भूषा,मांदर ताल,लय, गीत, नृत्य के आधार पर किया जाता है इस करमा प्रतियोगिता में पहला ईनाम ग्राम फुलबहरी करमा नृत्य दल, दुसरा स्थान ग्राम डिमरमुडा और तीसरा स्थान ग्राम पराघाटी (गिरजापारा)को दिया गया। इस अवसर पर समस्त ग्रामवासी के साथ सैकड़ों लोगों की गरिमामयी उपस्थिती रही।


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