जांजगीर चांपा / जमीन घोटाले में तहसीलदार, उप पंजीयक, पटवारी समेत 10 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि चांपा तहसील के ग्राम कुरदा में हमनाम व्यक्ति का सरनेम बदलकर जमीन बेच दी थी।पुलिस ने इस पूरे मामले में जमीन का नामांतरण करने वाले तत्कालीन तहसीलदार, पटवारी, रजिस्ट्री कने वाले उप पंजीयक, दो गवाहों , क्रेता और विक्रेता के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी, 420, 467, 468, 469, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।
इस मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। जिन अदरों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, उनमें 2 तहसीलदार,1 उप पंजीयक,3 पटवारी सहित 10 लोग शामिल हैं। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। परिवाद दायर होने के बाद कार्रवाई हुई है।
जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, उनमेंविक्रेता संजय कुमार बरेठ , खरीदार साहिल राज देवांगन, गवाह संतोष देवांगन व अभय पांडेय पिता गिरजारमन पांडेय, तत्कालीन पटवारी अरविंद साहू, प्रभारी पटवारी युवराज पटेल, तत्कालीन हल्का पटवारी भूषण मरकाम, तत्कालीन तहसीलदार चांपा डीएस उइके, उप पंजीयक चांपा विजय कुमार दिडतूड़क, तत्कालीन तहसीलदार सरस्वती बंजारे के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया है।
दरअसल ग्राम पंचायत कुरदा के 15 डिसमिल जमीन को हमनाम होने का फायदा उठाते हुए कुरदा के एक व्यक्ति ने पटवारियों से मिलीभगत कर अपने नाम पर करवा ली। जमीन की रजिस्ट्री कराकर उसे अपने नाम पर अंतरण भी करा लिया। इसके बाद उसे दूसरे को बेच दी। जब वास्तविक मालिक को अपनी जमीन बिकने की जानकारी मिली तो उसन प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां वाद दायर किया। सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले में दो तत्कालीन तहसीलदार , एक उप पंजीयक, तीन पटवारी , दो गवाह , जमीन खरीदने वाले और जमीन को बेचने वाले सहित दस लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। न्यायालय के आदेश के बाद सभी दस लोगों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
तखतपुर थाना क्षेत्र के बेलसरी निवासी संजय कुमार पांडे पिता बहोरन लाल पांडेय ने चांपा तहसील के कुरदा के निरंजन कुमार पिता भागवत प्रसाद पांडेय से जनवरी 2006 में कुरदा -सिवनी मेन रोड की 12 डिसमिल जमीन को 1 लाख रूपए में खरीदकर रजिस्ट्री कराई थी। नामांतरण कराकर ऋण पुस्तिका भी अपने नाम से बनवा ली थी। उसने अपनी जमीन किसी को नहीं बेची, लेकिन हमनाम होने का फायदा उठाते हुए कुरदा के ही संजय कुमार बरेठ पिता बहोरनलाल बरेठ ने जमीन को खरीदे बिना फजी ऋण पुस्तिका बनवा ली। इसके बाद उसने उस जमीन को पांच लाख रूपए में साहिल राज देवांगन के पास बेच दी।
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