सिर चढ़कर बोल रहा है। जादूगर गोगीया सरकार का जादू

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नरेंद्र अरोड़ा -   जादू की दुनिया में सामान्यतः कहा जाता है कि जादू वहीं जो सिर चढ़कर बोले। यह बात सही रूप में चरितार्थ हो रही है, जादूगर गोगीया सरकार के जादू के लिए।  जी हॉं पिछले दो सप्ताह से चली आ रही जादू का प्रदर्शन अब मनेंद्रगढ़ वासियों के सर चढ़कर बोलने लगा है। इन्होने अपने जादुई करिष्मों की झड़ी से मनेंद्रगढ़ के खेड़िया टॉकीज में दर्शकों पर जादुई प्रभाव छोड़ने में सफल है।  जादूगर गोगीया सरकार बहुत ही कम समय में भारतीय जादूगरों की पहली कड़ी में शामिल हो गये है। बिहार सहित लगातार झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, छत्तिसगढ़, आसाम, बंगाल विशेष कर उत्तर भारत के हिन्दी भाषी क्षेत्र के नक्शे पर अपनी अलग पहचान बना चुके है। इन दिनों व्यस्त है मनेंद्रगढ़ के दर्शकों को उनके तनाव भरी जिन्दगी से निकाल कर शुद्ध मानसिक मनोरंजन देकर उनके मन में खुशियॉं भरने में।  बातचीत के क्रम में वे कहते हैं कि ‘‘जादू एक विशुद्ध कला है।’’जिसमें दक्षता तथा निरंतर अभ्यास बहुत महत्वपुर्ण स्थान रखता है। जादूगर गोगीया सरकार पी॰ सी॰ सरकार, के॰ लाल, आनन्द की परम्परा की कड़ी नहीं वरन वे अपने आप को एक स्वतंत्र रूप से विकसित एक जादूई व्यक्तित्व मानते है। बारह वर्ष की कच्ची उम्र से ही वे जादू की ओर उन्मुख हुए, तथा अपनी कड़ी मेहनत, लगन, निरंतर अभ्यास से राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत पायी और अपनी अलग पहचान, सारी पुरानी परम्पराओं को तोड़ते हुए बनायी।  एक प्रश्न के जवाब में वे कहते हैं कि मैं पी॰ सी॰ सरकार की परंपरा का नहीं हॅुं। पी॰ सी॰ सरकार की दिशा अलग थी। जादू उन्हें विरासत में मिली थी। जबकि मेरा जादू मेरे कठिन परिश्रम और लगन का परिणाम है।  बात ही बात में यह पूछने पर कि क्या आपने कोई शमशान में सिद्धी की है? जादूगर गोगीया सरकार कहते है कि मैनें कोई शमशान में सिद्धी नहीं की है। यह तो अभ्यास है जो वैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुरूप दृष्टिभ्रम करके प्रदर्शीत किया जाता है। जादू कला सम्मोहन साधना तथा योग विद्या का सम्मिश्रण है। जादू कला का तंत्र-मंत्र से कुछ लेना देना नहीं है, बल्कि यह तो अंधविष्वास को दूर करता है।  गोगीया सरकार ने चर्चा करते हुए आगे कहा कि पुराने जमाने में इसे इन्द्रजाल या मायाजाल के नाम से जाना जाता था। जबकि वर्त्तमान समय में शुद्ध मनोरंजन देने वाली कला है जादू।  अपने जादू शो के दौरान गोगीया सरकार एक से बढ़कर एक हैरत अंगेज कारनामों में दर्शकों को उनकी कल्पनाओं तथा किस्से कहानियों में सुनी गयी फैंटासी जीवंत रूप में नजर आती है, तब दर्शक गोगीया सरकार के जादुई प्रभाव से विमोहित और चमत्कृत हुए बिना रह नहीं पाते। खाली बक्से में बन्द राजकुमारी को भाले से भेद देने के बाद गायब कर देना और पुनः जीवित दिखाना। लड़के को दो हिस्सों में काटने के बाद अलग-अलग कर देना और उसके शरीर से खुन का एक बुंद भी न निकलने देना एवं लड़के को जोड़कर पुनः जिन्दा कर देना जादूगर गोगीया सरकार के बांये हाथ का खेल बन चुका है। एक जहरीली नागिन को जब एक युवक दर्शक दीर्घा के बीच से लेकर गुजरता है, तो लोग उसे देखकर सहम जाते है। इस जहरीली नागिन को लोगों की ऑंखों के सामने एक पारदर्शी बक्से में बंद किया जाता है, लेकिन जब उस स्थान पर एक खुबसुरत नवयौवना इठलाती हुई बाहर आती है, तो आष्चर्य की तमाम सीमाए भी अकथनीय लगती है। अपने खेलों की कड़ी में वे दिखाते हैं कि सन्दूक में बन्द युवक पल भर में बाहर आ जाना और सन्दूक पर खड़ी लड़की का सन्दूक में बन्द हो जाना, जिन्दा लड़की के सर को अलग कर दस फुट की दूरी पर काट कर रखना और उसका जिन्दा रहना। पल भर में घोड़े का गायब हो जाना। यह कम बड़ी जादूगरी नहीं बल्कि वेदों, महाभारत और रामायण में वर्णित इन्द्रजाल का कमाल है।  इनकी पीढि़यों का इस कला से कोई संबंध नहीं है यह इनका व्यक्तिगत शौक है जो स्कूल जाने के समय से ही लगा और इनके कदम धीरे-धीरे जादुई दुनिया की ओर बढ़ने लगे और आज सार्वजनिक और व्यवसायिक कीर्तिमानों के साथ-साथ निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है।


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