प्रतिबंध के बावजूद डीजे संचालकों की मनमानी चल रही है।
कलेक्टर एवं एसडीएम परमिशन जारी कर रहे हैं डीजे संचालन हेतु नियम विरुद्ध।
रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा।
छत्तीसगढ़ राज्य में प्रतिबंध के बावजूद भी डीजे संचालन जारी है वह इस प्रकार से है छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के द्वारा डीजे पर पूर्णत पाबंदी लगा दी गई है मगर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जा रहा है प्रत्येक डीजे सिस्टम को गाड़ी में लगा हुआ देखा जा सकता है डीजे संचालक के द्वारा मनमानी कार्य किया जा रहा है रात्रि 10:00 बजे के बाद भी बजाया जा रहा है परमिशन जारी कर रहे हैं कलेक्टर एसडीम नियम विरुद्ध वह इस प्रकार से है नियम विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के द्वारा पाबंदी लगा दी गई है जिस हाई कोर्ट की आदेश की अवहेलना की गई जा रही है।
पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी जब निकलती है तो अनदेखा करके चले जाती है गाड़ी को जपती नहीं किया जाता साउंड सिस्टम को जपती नहीं किया जाता हाई कोर्ट का निर्देशों का भी पुलिस विभाग के द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है अगर जब डीजे साउंड सिस्टम बजाते रहता है सड़कों पर राह में आने वाले जाने वाले लोगों को परेशानी होती है डीजे साउंड से छाती का धड़कन बढ़ जाता है एवं जान जाने की नौबत आ जाती है जब पुलिस वालों को फोन किया जाता है तो फोटो भेजो वह भेजो बोलकर अपनी फोन को कट कर देते हैं और पेट्रोलिंग नहीं करते इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस विभाग भी सुस्त चल रहा है।
आज हमारे राज्य में छोटी दीवाली से शादी का सीजन चालू हो जाता है इसमें डीजे संचालकों के द्वारा डीजे बजाने की परंपरा रहती है मगर हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं डीजे संचालक और डीजे संचालकों की बैठक कलेक्टर एसपी के द्वारा नहीं बुलाया जाता जबकि परमिशन ग्रांट करती है संबंध राजस्व अधिकारियों के द्वारा संबंधित अधिकारी लोग भी नियमों को उल्लंघन कर रहे हैं ऐसे में हाई कोर्ट की पूरी नियम कायदा कानून को पानी में डूबने का काम कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार की बैठी हुई प्रशासन तंत्र के अधिकारी एवं कर्मचारी।
वहीं पर डीजे संचालन होती रहती है बजाते रहती है तो उसका फोटो लेने के लिए अगर कोई भी प्रेस रिपोर्टर जाता है तो उसे पुलिस की प्रोटेक्शन नहीं मिलती डीजे संचालकों को ही पुलिस प्रोटेक्शन दे रखी है राज्य शासन।
हमारे रिपोर्टर कहते हैं कि इस तरह से हाई कोर्ट की जितने भी आदेश निकलती है जनहित में उसे राज्य शासन के अधीनस्थ कर्मचारी अधीनस्थ अधिकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं इस तरह से राज्य शासन की व्यवस्थापिका है।

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