DRDO Glide Bomb: भारत लगातार अपनी सैन्य शक्तियों को बढ़ाने प्रयास कर रहा है. DRDO ने भारतीय वायुसेना के Su-30MKI लड़ाकू विमान से एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम ‘गौरव’ का सफल परीक्षण किया है. ‘गौरव’ 1 हजार किलो का ग्लाइड बम है, जो विमान को जोखिम में डाले बिना दुश्मन के ठिकानों पर दूर से सटीक वार करने में सक्षम है.
‘गौरव’ के परीक्षण ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब उन सभी तकनीकों को अपने दम पर तैयार कर रहा है, जो पहले केवल कुछ चुनिंदा देशों के पास हुआ करती थीं. ‘गौरव’ हवा में छोड़े जाने के बाद लंबी दूरी तक ग्लाइड कर सकता है. यह निर्धारित लक्ष्य पर सटीक वार करने के लिए सक्षम है.
भारत अब विदेशी कंपनियों पर निर्भर नहीं
भारत ज्यादातर विदेशी कंपनियों से फाइटर जेट के लिए निर्भर था, जिसकी वजह से तेजस Mk2 और AMCA जैसे स्वदेशी लड़ाकू विमानों के प्रोजेक्ट में भी देरी हुई. लेकिन अब सरकार और DRDO दोनों इंजन को भारत में बिकसित करने पर जोर दे रहे हैं. जिसकी वजह से आए दिन बम, मिसाइल, रडार, एयर डिफेंस सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के सफल परीक्षण होते रहते हैं.
2 प्रकार के तैयार किए हथियार
DRDO ने ‘गौरव’ हथियार को दो स्वरूपों में बिकसित किया है. पहला वर्जन Gaurav-PCB है, जो जमीनी बंकरों को भेदने में एक्सपर्ट है. वहीं दूसरा वर्जन Gaurav-PF है, जिसका उपयोग खुले ठिकानों, सैन्य तैनाती या रणनीतिक लक्ष्य पर फोकस करने के लिए किया जाएगा. यह एक साथ कई हिस्सों में नुकसान पहुंचाने में सफल रहेगा.
1000 किग्रा का है ‘गौरव’ हथियार
‘गौरव’ का वजन 1 हजार किलोग्राम है, जो अपने भारी वजन और उच्च विनाश क्षमता के कारण यह बंकरों, किलेबंद ठिकानों और पहाड़ी क्षेत्रों में मौजूद दुश्मन की पोजिशन को नष्ट करने में बेहद असरदार है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘गौरव’ का सफल परीक्षण भारत की बदलती सैन्य रणनीति का प्रतीक है.

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