बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला परिवहन घोटाले में फंसे रायगढ़ की पूर्व कलेक्टर रानू साहू के करीबी नवनीत तिवारी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आर्थिक अपराध समाज और देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा हैं।
न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि हत्या जैसे अपराध गुस्से में किए जा सकते हैं, लेकिन आर्थिक अपराध ठंडे दिमाग और व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से किए जाते हैं, जिनसे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की शिकायत पर एसीबी ने जनवरी 2024 में नवनीत तिवारी को गिरफ्तार किया था। उन पर आईपीसी की धारा 420, 120-बी, 384, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 7A और 12 के तहत मामला दर्ज है।
अभियोजन के अनुसार, नवनीत तिवारी पर कोयला परिवहन में अवैध कोल लेवी वसूली का आरोप है। जांच में सामने आया कि उन्होंने कुछ अधिकारियों और नेताओं के साथ मिलकर प्रति टन 25 रुपये वसूली का नेटवर्क तैयार किया था। यह पूरी साजिश 2020 में भूविज्ञान और खनिज विभाग की ऑनलाइन प्रणाली को मैनुअल प्रक्रिया में बदलवाने के बाद शुरू हुई।
कोर्ट ने कहा कि रानू साहू कोयला घोटाला मामले में नवनीत तिवारी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं और ट्रायल में देरी अभियोजन की वजह से नहीं हो रही। इसलिए, उनके जमानत आवेदन को अस्वीकार किया जाता है।

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