० संविधान दिवस पर ज्ञान, संस्कार और राष्ट्रभावना का अद्भुत संगम
कोरबा। 26 नवंबर को सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय, एचटीपीपी दर्री में संविधान दिवस अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। विद्यालय परिसर सुबह से ही देशभक्ति और अनुशासन की भावना से सराबोर दिखाई दे रहा था। विद्यार्थियों ने इस महत्वपूर्ण दिवस को यादगार बनाने के लिए विशेष तैयारी की थी और परिसर में कार्यक्रम का आरंभ प्रात: कालीन प्रार्थना से हुई।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता एवं प्राचार्य श्रीमति सुषमा बारस्कर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान ही हमारी पहचान है, यह हमारे अधिकारों, कर्तव्यों और देश की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करता है। उन्होंने संविधान दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बच्चों को संविधान का महत्व और उसमें निहित मूल्यों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
०संविधान की शपथ — राष्ट्र के प्रति समर्पण का संकल्प
कार्यक्रम के दौरान सभी आचार्यों/दीदी और विद्यालय के बच्चों ने मिलकर संविधान की शपथ ली। शपथ ग्रहण के समय विद्यालय परिसर में देशभक्ति की भावना का अनुपम दृश्य दिखाई दिया। सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे देश के हित में कार्य करेंगे और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि संविधान दिवस विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी, अनुशासन और कर्तव्यबोध जागृत करता है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम बच्चों में सृजनशीलता, जागरूकता और राष्ट्रीय मूल्यों को मजबूत करते हैं। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय, एचटीपीपी दर्री द्वारा किया गया यह आयोजन बच्चों के व्यक्तित्व विकास में सार्थक योगदान देता है। विद्यालय का प्रयास न केवल शिक्षा तक सीमित है, बल्कि विद्यार्थियों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का भी संवर्धन करता है। संविधान दिवस जैसे आयोजन बच्चों को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की समझ प्रदान करते हैं। निश्चित ही यह पहल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता एवं प्राचार्य श्रीमति सुषमा बारस्कर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान ही हमारी पहचान है, यह हमारे अधिकारों, कर्तव्यों और देश की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करता है। उन्होंने संविधान दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बच्चों को संविधान का महत्व और उसमें निहित मूल्यों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
०संविधान की शपथ — राष्ट्र के प्रति समर्पण का संकल्प
कार्यक्रम के दौरान सभी आचार्यों/दीदी और विद्यालय के बच्चों ने मिलकर संविधान की शपथ ली। शपथ ग्रहण के समय विद्यालय परिसर में देशभक्ति की भावना का अनुपम दृश्य दिखाई दिया। सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे देश के हित में कार्य करेंगे और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि संविधान दिवस विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी, अनुशासन और कर्तव्यबोध जागृत करता है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम बच्चों में सृजनशीलता, जागरूकता और राष्ट्रीय मूल्यों को मजबूत करते हैं। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय, एचटीपीपी दर्री द्वारा किया गया यह आयोजन बच्चों के व्यक्तित्व विकास में सार्थक योगदान देता है। विद्यालय का प्रयास न केवल शिक्षा तक सीमित है, बल्कि विद्यार्थियों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का भी संवर्धन करता है। संविधान दिवस जैसे आयोजन बच्चों को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की समझ प्रदान करते हैं। निश्चित ही यह पहल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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