कबीरधाम पुलिस बर्खास्तगी मामला जिले में पुलिस अनुशासन को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम बन गया है। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह के निर्देश पर विभागीय जांच पूरी होने के बाद ड्यूटी के दौरान नशा करने और अनुशासनहीन आचरण में दोषी पाए गए तीन आरक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। विभाग का कहना है कि पुलिस सेवा में नशाखोरी, गैरजिम्मेदारी और लापरवाही के लिए अब कोई जगह नहीं है।
पहला मामला आरक्षक अनिल मिरज (आरक्षक नंबर 52) का है, जो लगातार ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की आदत में शामिल थे। जांच में सामने आया कि उन्होंने बिना सूचना के 334 दिनों की गैरहाजिरी की। मोटर वारंट गुम करने, नोटिस तामील में लापरवाही और 22 बार दंडित होने के बाद भी उनमें कोई सुधार नहीं दिखा। विभाग ने माना कि उनका व्यवहार पुलिस अनुशासन को गंभीर चुनौती दे रहा था।
दूसरा मामला आरक्षक 517 आदित्य तिवारी का है, जो बंदी पेशी जैसे संवेदनशील कार्य के दौरान शराब सेवन कर न्यायालय परिसर के बाहर ही सो गए। वह 91 दिनों तक बिना अनुमति अनुपस्थित भी रहे। ड्यूटी के दौरान शराब सेवन और फरार होने की कई घटनाओं के बावजूद सुधार ना होने पर उन्हें बर्खास्त किया गया।
तीसरा मामला आरक्षक चालक 272 राजेश उपाध्याय का है। वे पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही शराब के नशे में पहुंचे, गणवेश अव्यवस्थित था और उन्होंने कार्यालय कर्मियों से बहस की। लगातार दंडित होने के बाद भी उनके व्यवहार में बदलाव नहीं आया।
कबीरधाम पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई विभाग की छवि और गरिमा बचाने के लिए आवश्यक थी। संदेश यह है कि ड्यूटी पर नशाखोरी, अनुपस्थिति और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम पूरे पुलिस विभाग के लिए नई अनुशासन नीति और जिम्मेदारी का स्पष्ट संकेत है।

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