मध्य प्रदेश में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अब पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया है। नए नियमों के तहत न सिर्फ चालक बल्कि पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी हेलमेट लगाना जरूरी है। Indore Helmet Rule के लागू होने के बाद नियम तोड़ने वालों पर भारी चालान और जुर्माने की कार्रवाई तेजी से बढ़ गई है।
राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर में यह कानून सबसे सख्ती से लागू किया जा रहा है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग अभी भी हेलमेट पहनने से बचते दिख रहे हैं। शहर के प्रमुख चौराहों पर लगातार पुलिस चेकिंग चल रही है। रोजाना हजारों ई-चालान कैमरों के जरिए बनाए जा रहे हैं और ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। अब तक 17 हजार से अधिक चालान जारी किए जा चुके हैं, जबकि सड़क पर सिर्फ लगभग 20 प्रतिशत लोग ही हेलमेट पहनकर निकल रहे हैं।
स्थिति को गंभीर देखते हुए पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने Indore Helmet Rule को लेकर खुद मोर्चा संभाल लिया। सोमवार को वे व्हाइट चर्च चौराहे पर आयोजित हेलमेट जागरूकता अभियान में पहुंचे। यहां उन्होंने वाहन चालकों के दस्तावेजों की जांच की और जिनके पेपर पूरी तरह से सही पाए गए, उन्हें सम्मान के रूप में हेलमेट भेंट किया। एडिशनल कमिश्नर आरके सिंह और ट्रैफिक डीसीपी आनंद कलादगी भी इस अभियान में उनके साथ मौजूद रहे।
अभियान के दौरान एक बुजुर्ग दंपती को पुलिस कमिश्नर ने स्वयं हेलमेट पहनाकर सम्मानित किया। हेलमेट पहनकर आने वाले लोगों को उपहार भी दिए गए। कई चालक इस अभियान से प्रभावित हुए और उन्होंने संकल्प लिया कि वे आगे से न सिर्फ खुद नियमों का पालन करेंगे बल्कि दूसरों को भी जागरूक करेंगे। कार्यक्रम में अंकुर रिहेब सेंटर के डायरेक्टर डॉ. अंकुर अग्रवाल और उनकी टीम के साथ-साथ ट्रैफिक विभाग और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद रहे।

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