Earthquake in Nepal: नेपाल में आया जबरदस्त भूकंप, बिहार में भी महसूस हुए झटके

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 Earthquake in Nepal: शुक्रवार सुबह नेपाल में 6.1 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिससे हिमालयी क्षेत्र सहित बिहार तक धरती हिल उठी. यह भूकंप दो बार महसूस किया गया—पहला झटका काठमांडु के पास और दूसरा बिहार सीमा के नजदीक. भारतीय नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल के सिंधुपालचोक जिले के भैरव कुंडा क्षेत्र में था. हालांकि, अब तक किसी बड़े जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

कई एजेंसियों ने अलग-अलग आंकी तीव्रता

आपको बता दें कि इस भूकंप की तीव्रता को लेकर विभिन्न एजेंसियों ने अलग-अलग अनुमान लगाए हैं. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने इसे 5.6 बताया, जबकि भारत के NCS ने इसे 5.5 मापा. भूकंप विज्ञानियों के अनुसार, 6.1 तीव्रता का भूकंप काफी शक्तिशाली होता है, जिससे इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है और जान-माल की हानि की आशंका बनी रहती है.

नेपाल में लोगों में दहशत, पटना में भी महसूस हुए झटके

वहीं नेपाल के एक वरिष्ठ अधिकारी गणेश नेपाली ने रॉयटर्स को बताया, ''इस भूकंप ने हमारी नींद उड़ा दी. डर के कारण हम सभी घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अब तक किसी गंभीर क्षति की कोई खबर नहीं है.''

बताते चले कि, पटना में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए. एक एक्स यूजर ने लिखा कि झटके करीब 35 सेकंड तक जारी रहे. निखिल सिंह नामक एक अन्य यूजर ने लिखा, ''बिहार के पटना में जोरदार भूकंप महसूस किया गया. सब कुछ हिल रहा था, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है.''

भूकंप की तीव्रता और प्रभाव

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता अलग-अलग स्तरों पर विभिन्न प्रभाव डालती है:-

  • 0-1.9: सिर्फ सिस्मोग्राफ ही रिकॉर्ड कर सकता है.
  • 2-2.9: हल्का कंपन, अक्सर महसूस नहीं होता.
  • 3-3.9: ऐसा लगेगा जैसे पास से कोई ट्रक गुजर गया हो.
  • 4-4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवारों पर टंगी वस्तुएं गिर सकती हैं.
  • 5-5.9: फर्नीचर हिल सकता है.
  • 6-6.9: इमारतों की नींव दरक सकती है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान.
  • 7-7.9: इमारतें गिर सकती हैं, पाइप फट सकते हैं.
  • 8-8.9: पुल और बड़ी संरचनाएं गिर सकती हैं.
  • 9+: सुनामी जैसी आपदाओं की संभावना, जमीन लहराती दिखेगी.

नेपाल भूकंप संभावित क्षेत्र क्यों?

इसके अलावा, नेपाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. भारत और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच सक्रिय हलचल के कारण नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं.

हालांकि, इस भूकंप में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह नेपाल और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक चेतावनी है कि वे किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहें. लोगों को भूकंप के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए और आपातकालीन सेवाओं से जुड़कर सतर्क रहना चाहिए.

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