Maha Kumbh Mela 2025: क्या आप जानते हैं 144 साल बाद क्यों बना पूर्ण महाकुंभ का योग? 10 प्वाइंट्स में समझें

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Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे हर 12 साल के अंतराल पर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. 2025 में होने वाला महाकुंभ खास है क्योंकि इस बार यह मेला प्रयागराज में 144 सालों के बाद पूर्ण रूप से आयोजित होगा. इसे लेकर श्रद्धालुओं और पर्यटकों में जबरदस्त उत्साह है. आइये, इस साल के महाकुंभ से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानें.

महाकुंभ का इतिहास

कुंभ मेला का आयोजन लगभग 2000 सालों से हो रहा है. इसका उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है. यह मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं. महाकुंभ हर 12 साल में एक विशेष स्थान पर आयोजित होता है, और इसमें विशेष रूप से शाही स्नान का आयोजन होता है.

इस बार प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का आयोजन होगा, जो 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. इस बार का महाकुंभ विशेष रूप से इस वजह से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 144 सालों के बाद यह मेला पूर्ण रूप से मनाया जाएगा. इसके पहले 1871 में यह मेला पूर्ण रूप से आयोजित हुआ था.

महाकुंभ से जुड़े 10 महत्वपूर्ण सवाल

आपके लिए प्रस्तुत है महाकुंभ से जुड़े 10 सवाल, जो आपको इस पर्व के महत्व और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को समझने में मदद करेंगे.

  1. सवाल: कुंभ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
    जवाब: कुंभ का शाब्दिक अर्थ है 'घड़ा', 'कलश' या 'पिचर'.

  2. सवाल: महाकुंभ मेले का आयोजन कितने  साल के अंतराल पर होता है?
    जवाब: महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होता है.

  3. सवाल: कुंभ के कितने प्रकार होते हैं?
    जवाब: कुंभ के चार प्रकार होते हैं.

  4. सवाल: क्या कुंभ एक ही स्थान पर लगता है?
    जवाब: नहीं, यह मेला चार अलग-अलग स्थानों पर लगता है, जो हर 3 सालों के अंतराल पर बदलते रहते हैं.

  5. सवाल: वो चार स्थान कौन से हैं जहां कुंभ मेला आयोजित होता है?
    जवाब:

    1. हरिद्वार (गंगा नदी के किनारे)
    2. प्रयागराज (त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं)
    3. उज्जैन (शिप्रा नदी के किनारे)
    4. नासिक (गोदावरी नदी के किनारे)
  6. सवाल: महाकुंभ मेले का संबंध किस पौराणिक घटना से है?
    जवाब: महाकुंभ का संबंध समुद्र मंथन से है, जब अमृत की कुछ बूंदें गिर गई थींं.

  7. सवाल: प्रयागराज कुंभ मेले में कुल कितने शाही स्नान होंगे?
    जवाब: प्रयागराज में कुल 12 शाही स्नान होंगे.

  8. सवाल: कुंभ मेले का आयोजन किस काल से हो रहा है?
    जवाब: यह आयोजन ऋषियों के काल से हो रहा है.

  9. सवाल: महाकुंभ मेले का संबंध समुद्र मंथन से क्यों है?
    जवाब: क्योंकि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूंदें गिरीं थीं, जो पवित्र मानी जाती हैं और जिनका लाभ यहां स्नान करने से मिलता है.

  10. सवाल: प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 कब से कब तक होगा?
    जवाब: 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ मेला आयोजित होगा।

क्यों होता है प्रयागराज में महाकुंभ?

प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है. मंहत दुर्गा दास ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन ब्रह्माजी के यज्ञ के कारण विशेष महत्व रखता है. यहां त्रिवेणी संगम पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है, जिसे पुण्य स्थल माना जाता है. यही कारण है कि यहां स्नान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है. इसके अलावा, इस स्थान पर अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं, जिनका लाभ आज भी प्राप्त होता है.'

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