Aaj Ka Panchang / आज विवाह पंचमी मनाई जा रही है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान राम और देवी सीता को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो भक्त इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन ( Vivah Panchami 2024 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
पंचांग के अनुसार, आज मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि दोपहर 12 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।
ऋतु - शरद
ऋतु - शरद
चन्द्र राशि - मकर
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 59 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 23 मिनट पर
चन्द्रोदय - सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्रास्त - रात्रि 10 बजकर 07 मिनट पर
रवि योग - शाम 05 बजकर 18 मिनट से अगले दिन सुबह 07 बजकर 01 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक।
गुलिक काल - सुबह 08 बजकर 20 मिनट से 09 बजकर 45 मिनट तक।
चन्द्रोदय - सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्रास्त - रात्रि 10 बजकर 07 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 07 बजे से अगले दिन शाम 05 बजकर 18 मिनट तक।रवि योग - शाम 05 बजकर 18 मिनट से अगले दिन सुबह 07 बजकर 01 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक।
अशुभ समय
राहु काल - सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 16 मिनट तकगुलिक काल - सुबह 08 बजकर 20 मिनट से 09 बजकर 45 मिनट तक।
दिशा शूल - पश्चिम
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद।चन्द्रबल
मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन।राम-सीता पूजन मंत्र
- श्री जानकी रामाभ्यां नमः।।
- ॐ दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धी महि। तन्नो रामः प्रचोदयात्।।
- उद्भव स्थिति संहारकारिणीं हारिणीम्। सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामबल्लभाम्।।
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