Gautam Adani News: अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष अरबपति गौतम अडानी पर अमेरिका में धोखाधड़ी का अभियोग लगाया गया है. उन पर अमेरिका में अपनी एक कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने और इस मामले को छिपाने का आरोप लगाया गया है. बुधवार को न्यूयॉर्क में दायर किया गया आपराधिक मामला, भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक, 62 साल के गौतम अडानी के लिए सबसे बड़ा झटका है. बता दें कि, अडानी समूह का व्यापारिक साम्राज्य बंदरगाहों और हवाई अड्डों से लेकर ऊर्जा सेक्टर तक फैला हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष अरबपति गौतम अडानी पर अमेरिकी निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है. इस मामले पर अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों और अज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के एक कार्यकारी पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का भी आरोप लगाया गया है.
जानिए क्या है पूरा मामला?
उधर, SEC का कहना है कि यह रिश्वतखोरी की साजिश अडानी ग्रीन और अज्योर पावर को भारतीय सरकार द्वारा दिए गए कई बिलियन डॉलर के सोलर प्रोजेक्ट्स में फायदा उठाने के लिए रची गई थी. SEC ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने संघीय सिक्योरिटीज कानूनों के एंटी-फ्रॉड प्रावधानों का उल्लंघन किया है. इसके खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञाएं, नागरिक जुर्माना और निदेशकों पर प्रतिबंध की मांग की है.
एसईसी ने एक बयान में कहा कि अडानी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की रकम जुटाई और एज़्योर पावर के शेयरों का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया गया. इसके साथ ही, न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस ने अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक आरोपों का खुलासा किया.
अड़ानी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप
संघीय अभियोजकों का दावा है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी और उनके सहयोगियों ने 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रिश्वतें दीं, ताकि 2 बिलियन डॉलर के सोलर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट को लिया जा सके. इस योजना में अडानी और 7 अन्य कार्यकारी अधिकारियों पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने और निवेशकों को धोखा देने का आरोप है. उन्होंने कथित तौर पर जांच में रुकावट डालने की भी कोशिश की थी. हालांकि, इस बात की पुष्टि एफबीआई के सहायक निदेशक जेम्स डेनेही ने की है.
अदालत में मामले की सुनवाई
इस मामले में जिन आरोपों को अदालत में पेश किया गया, उनमें यह दावा किया गया कि अडानी ने व्यक्तिगत रूप से एक भारतीय सरकारी अधिकारी से मिलकर रिश्वतखोरी की योजना को आगे बढ़ाया और आरोपियों ने योजना को आगे बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए पर्सनल तौर पर बैठकें कीं.
जानिए न्याय विभाग ने क्या कहा?
न्याय विभाग की उप सहायक अटॉर्नी जनरल, लिजा एच. मिलर ने कहा, "यह आरोप इस बात को साफ करते हैं कि इन अपराधों को सीनियर अधिकारियों और निदेशकों ने राज्य ऊर्जा आपूर्ति कॉन्ट्रैक्ट को भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिए पाने के लिए किया गया.
अडानी ग्रुप पर आरोप लगने के बाद शेयरों में आई गिरावट
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की कंपनियों के डॉलर बांड की कीमतों में गुरुवार, 21 नवंबर को शुरुआती एशियाई कारोबार में काफी गिरावट आई, क्योंकि समूह के अरबपति चेयरमैन गौतम अडानी पर न्यूयॉर्क में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए.
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