CG News : हाईकोर्ट ने दिया आदेश; डीजे पर अब कोलाहल अधिनियम नहीं, सीधे दायर की जाये अवमानना याचिका

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रायपुर। रायपुर के कान नाक और गला विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के तारतम्य में राज्य शासन द्वारा 11 सितंबर को जारी आदेश का हवाला देते हुए रायपुर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि, आदेशानुसार ध्वनि प्रदूषण के मामले में किसी नागरिक के फ़ोन का इन्तजार न करें और अपने से होकर कार्यवाही करें। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर रखा है कि, नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

बता दें कि, अभी तक अवैध डीजे बजाने के सभी प्रकरणों में कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाती थी। जहां पर प्रथम बार पर एक हजार रुपए का जुर्माना तथा द्वितीय बार पर दो ह़जार का जुर्माना डीजे ऑपरेटर खुशी-खुशी पटा कर जब्त समान छुड़ा लेते थे। परंतु राज्य शासन के हाल के आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि, अब जप्त साउंड बॉक्स को कलेक्टर के आदेश के बाद ही छोड़ा जायेगा। अतः सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि, किसी भी प्रकरण में कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही ना की जावे और जब्त साउंड बॉक्स डीजे सिस्टम को छोड़ने में कोई राजनितिक दबाव न सहें।

डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि, कोर्ट ने आदेशित कर रखा है कि, धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित मापदंडों से अधिक ध्वनि प्रदूषण होने पर अधिकारी जाएं और तेजी से ध्वनि प्रदूषण करने वालों को उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने को कहें। अगर आयोजक नहीं मानता है तो, उसके विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की जाएं, जिसके तहत सजा का स्पष्ट प्रावधान है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, अवमानना याचिका दायर सम्बंधित अधिकारी (कलेक्टर, एसपी) को दायर करनी है, इसलिए शासन की अनुमति की भी जरुरत नहीं है।

राजधानी में देर रात तक बज रहा डीजे

बता दें कि, गणेश उत्सव चालू होने के बाद से सुबह ,शाम तेज आवाज में पंडालो में, आदेशित मापदंडो के विरुद्ध स्पीकर बज रहे हैं। परन्तु प्रशासन मूक बनकर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। प्रशासन की सोच है कि, रात्रि 10 बजे के बाद ध्वनि प्रदूषण पर कार्यवाही की जानी है, जिसके चलते अभी भी देर रात तक पंडालों में ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। आम जन शिकायत करने से डरते है, क्योंकि पुलिस गणेश समितियों को शिकायतकर्ता का नंबर दे देती है।

डॉ गुप्ता ने कहा कि, गणेश उत्सव चालू होने के पूर्व प्रशासन ने गणेश मूर्ति बैठने वाली समितियों की बैठक लेकर समझाइश दी थी, उसके बावजूद भी पंडालों में मापदंडों से अधिक ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। अतः छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रशासन, समिति के सब सदस्यों पर हाई कोर्ट के आदेश ना मानने ने कारण अवमानना याचिका दायर करें, जिसके तहत सजा का प्रावधान है।

प्रशासन ने डीजे संचालकों की कई बार बैठक लेकर उन्हें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश से अवगत करा रखा है। उसके बाद भी डीजे ऑपरेटर नहीं मान रहे हैं। मूर्ति स्थापना में शहर में खूब डीजे बजे। ऐसे डीजे संचालकों के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को न मानने पर डीजे संचालकों और समिति के सदस्यों के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की जावे, जिसके लिए शासन की अनुमति की भी जरुरत नहीं, जिसके तहत सजा का प्रावधान है।

डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि, मूर्ति विसर्जन की पूरी रिकॉर्डिंग प्रशासन करवाए, ट्रैफिक सिग्नल में हो रही रिकॉर्डिंग से विडियो निकलवाए और डीजे बजाने वालों के विरुद्ध कलेक्टर डीजे साउंड सिस्टम और स्पीकर जप्त करने की कार्यवाही करें, तथा डीजे संचालकों, समिति के सभी सदस्यों और वाहन मालिक के विरुद्ध कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करें, जिसके तहत सजा का प्रावधान है।

डीजे की आवाज से कइयों की गई जान, कई हुए अपंग

डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि डीजे संचालक रोजगार के नाम से डीजे न बजाने देने का विरोध कर रहे हैं। जबकि आम जन को तकलीफ हो उस तकलीफ से पैसा कमाने को रोजगार नहीं कहा जा सकता। हर त्यौहारी सीजन के बाद 8-10 मां-पिता आते हैं कि, उनके बच्चे को सुनाई देना बंद हो गया है। या कम हो गया है और उन्होंने पाया कि, कई बच्चे डीजे के कारण आजीवन बहरे रहेंगे। पिछले साल डीजे की तेज रोशनी से दुर्ग में 3 बच्चे अंधे होने के समाचार छपे थे। अभी हाल ही में एक डीजे संचालक की नस फटने से मौत हो गई। डीजे की तेज आवाज से हृदय घात से कई मौते हो चुकी हैं।

डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि, कुछ नेता डीजे बजाने की अनुमति देने के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे है। जिसका वो विरोध करते हैं और राजनेताओं से मांग करें कि, समाज के लिए कलंक बन चुके डीजे को बजाने के लिए अनुमति देने पर प्रशासन पर कोई दबाव न डालें। डीजे संचालक भी अपने परिवार की चिन्ता करें उनके खुद के डीजे संचालक साथी की मौत डीजे की तेज आवाज से हो चुकी है।

 
 

2/Post a Comment/Comments

  1. Abhi hal hi me sharab ke nashe me ek ne dusre insan ko chaku gopa...karan sharab hai per use band karwane me tumhari Nani Marti hai hijdo ...or aye din bhari wahano ki chapet me aa ker Roz insan mar rahe hai ..karan ..sharab pii ker wahan chalane se hui mout band karo sharab ko

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  2. Mera rojgar mujhse chinoge to mere pariwar ko tumhara baap palega kya mere baccho ki school ki fees tumhara baap bharega kya....

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