विश्व सिकल सेल दिवस पर केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ में हुआ संगोष्ठी का आयोजन

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नरेंद्र अरोड़ा ~मनेन्द्रगढ़ /गत दिवस सिकल सेल डिजीज के लिए जागरूक करने हेतु  डॉक्टर संजय सिंह ( मुख्य चिकित्सा अधिकारी) की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया l जिसमें  वक्ता के रूप में डॉक्टर लवलेश गुप्ता एवं डॉक्टर सुमन पाल ने अपना संबोधन दिया l उन्होंने बताया की सिकल सेल डिजीज एक अनुवांशिक बीमारी है जिसका रोकथाम एवं आगे की पीढ़ी में प्रवाह रोकना ही एक महत्वपूर्ण कदम है सिकल सेल बीमारी माता-पिता से बच्चों में वंशानुगत होती हैl इसमे लाल रक्त कणिकाएं हसिये के आकार की हो जाती है जिससे खून की नालियों में उनका प्रवाह प्रभावित होता है l इसमें खून की कमी होना, कमजोरी ,पीलिया, शरीर में तीव्र दर्द होना ,न सूखने वाला घाव होना मुख्य लक्षण हैं l यह बीमारी हो जाने पर इसे ठीक नहीं किया जा सकता केवल लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है अतः इस बीमारी को न होने देना ही श्रेयस्कर है इस बीमारी के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रवाह को रोकने हेतु शादी के पहले मेडिकल कुंडली का मिलान करना जरूरी हैl बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन इसका एक प्रभावी इलाज है पर यह इलाज बहुत ही महंगा है एवं कई बार यह सफल भी नहीं होता अतः इस इस बीमारी की रोकथाम ही इसका प्रभावी इलाज है सरकार द्वारा इस बीमारी के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बारे में भी विस्तार से बताया गया अंत में डॉक्टर संजय कुमार ने आभार व्यक्त किया l  इस संगोष्ठी में चिकित्सालय के समस्त चिकित्सक नर्स अन्य स्टाफ एवं  मरीज एवं उनके परिजन उपस्थित रहे l


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