विश्व के कल्याण की प्रेरणा से ओतप्रोत रामायण प्रसाद पाण्डेय का खंड काव्य "कल्याण कल्प"

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नरेंद्र अरोड़ा ------------///मनेन्द्रगढ़/विश्व के कल्याण की प्रेरणा से ओतप्रोत रामायण प्रसाद पाण्डेय का खंड काव्य "कल्याण कल्प"  मानव जीवन को सफलता का मार्ग दिखाने वाला है 

      विगत दिवस अग्रसेन भवन में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए अप्रवासी भारतीय चंद्रकांत पटेल ने कहा कि यह खंड काव्य लोगों के जीवन को सरल व सुखद बनाने में सहायक है 

       इस अवसर पर अपनी माता जी को याद करते हुए प्रज्ञा पांडेय ने अपनी कविता प्रस्तुत की "नाम था सविता, सविता का तेज समाया था/तेजमयी उन आंखों में केवल ममता का साया था"

इस अवसर पर कवि गौरव अग्रवाल ने कहा कि कल्याण कल्प के विषय में यह कहना चाहिए कि वर्तमान में आपके पास डॉक्टर बनने की किताब है इंजीनियर बनने की किताब है अगर आप एक अच्छा मनुष्य बनना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक सरल विकल्प है मनुष्य को अच्छा मनुष्य बनाने की एक कुंजी है एक सरल साधन है।

इसी तारतम्य में पत्रकार रामचरित द्विवेदी ने कहा कि "रामचरित मानस,पुराण, महाभारत के बाद अगर किसी ग्रंथ को महत्व दिया जाना चाहिए तो वह _कल्याण कल्प है 

इसी क्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता रामप्रसाद गौतम ने कहा कल्याण कल्प वेद, वेदांत,पुराण, उपनिषद एवं दर्शन शास्त्र का सार है यह एक श्रेष्ठ शोध प्रबंध है 

पर्यावरण प्रेमी बिरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा इस पुस्तक में जीवन की सफलता के सूत्र हैं 

व्यंग्यकार जगदीश पाठक ने कहा जीवन में सत्संग मिल जाए तो भक्ति का उदय होता है भक्ति से संस्कार जन्म लेते हैं और संस्कारित जीवन सदैव सुखद व कल्याणकारी होता है साथ ही श्री पाण्डेय के अपनी पत्नी के प्रति समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि पुण्यतिथि पर ही किताब का विमोचन करना बहुत अच्छा लगा 

।इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पाठक, वीरेंद्र श्रीवास्तव , वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रसाद गौतम ,सतीश उपाध्याय , समाजसेवी ठाकुर प्रसाद केसरी ,रामचरित द्विवेदी ,शशि कला श्रीवास्तव ,गौरव अग्रवाल, आर डी दीवान ,हरि नारायण पांडे ,बारीक कर,वंदना, भूपेंद्र सिंह, केशव जायसवाल, सुखनंदन सिंह,परमेश्वर सिंह, राजाराम राजवाड़े आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन परमेश्वर सिंह ने किया।


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