लोकतंत्र में जनता ही भाग्य विधाता- जगदीश पाठक संबोधन पुस्तकालय में हुआ आयोजन

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नरेंद्र अरोड़ा--

मनेद्रगढ़ के प्रमुख साहित्यकारों द्वारा मतदान पर बौद्धिक परिचर्चा एवं विचार संगोष्ठी का किया गया आयोजन ।


मनेन्द्रगढ। -"मतदान और हमारा संवैधानिक दायित्व"  विषय  पर , लगभग 40 वर्षों से साहित्य सृजन -रत संबोधन साहित्य एवं कला संस्थान के द्वारा संचालित संबोधन वाचनालय एवं पुस्तकालय में  संस्था के प्रमुख साहित्यकारों के द्वारा  विचार संगोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में प्रमुख रूप से, वरिष्ठ कार्टूनिस्ट एवं साहित्यकार जगदीश पाठक, हिंदी साहित्य भारती के जिला अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान के पूर्व अध्यक्ष विनोद तिवारी, संस्था के पूर्व सचिव एवं शिक्षक नारायण प्रसाद तिवारी ‌, शिक्षक एवं साहित्यकार संजय ताम्रकार प्रमुख वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए।

लोकतंत्र में जनता को भाग्य विधाता बताते हुए वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पाठक ने मतदान के अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मतदाताओं में मतदान के प्रति उत्साह दिखना चाहिए। अधिक से अधिक मतदान से  ही राष्ट्र को  योग्य जनप्रतिनिधि मिलेंगे एवं लोकतंत्र मजबूत होगा । पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक एवं हिंदी साहित्य भारती के जिला अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मताधिकार की अनिवार्यता की चर्चा करते हुए कहा कि -संविधान प्रदत अधिकारों के प्रयोग को लेकर हमें पूरी तरीके से गंभीरता बरतनी चाहिए ।  उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शत प्रतिशत मतदान के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है इसकी सफलता और सार्थकता तभी होगी जब हर मतदाता अपने वोट का प्रयोग करें। 

संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान के पूर्व अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक विनोद तिवारी ने कहा अपने मत का प्रयोग करना देश के प्रति सम्मान जगाने के भाव जैसा है। हम शत प्रतिशत मतदान करके भी देशभक्त एवं देश के प्रति जागरूकता का व्यवहार प्रदर्शित कर सकते हैं क्योंकि एक-एक मत से ही लोकतंत्र मजबूत होता है। संबोधन साहित्य एवं कला संस्थान के पूर्व सचिव एवं शिक्षक नारायण प्रसाद तिवारी ने युवा मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा के लोकतंत्र में बेहतर सरकार चुनने का अवसर करीब है इसमें सभी मतदाताओं को मतदान में अनिवार्य हिस्सा लेना चाहिए खासकर युवाओं को मतदान में अपनी भागीदारी निश्चित रूप से सुनिश्चित करना चाहिए भारत के संविधान में सभी को मतदान का अधिकार दिया गया है हर मतदाताओं को अपने इस संवैधानिक  दायित्व निभाना चाहिए। 

युवा शिक्षक एवं साहित्यकार संजय ताम्रकार ने कहा कि-हमारा देश प्रजातांत्रिक देश है देश का निर्माण जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के माध्यम से किया जाता है एक तरह से जनता सरकार चुनती है इसलिए हम सभी को पूरी जिम्मेदारी के साथ मतदान करना चाहिए . लोकतंत्र के हित में मतदान प्रतिशत तभी बढ़ सकता है जब हर मतदाता 7 मई  को मतदान दिवस के दिन  अपने मत का अनिवार्य प्रयोग करेंगे।

कार्यक्रम के अंत में परिचर्चा में प्रतिभागी समस्त वक्ताओं ने मतदान का  शपथ लिया।

कार्यक्रम का संचालन संजय ताम्रकार ने किया एवं आभार प्रदर्शन छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक विनोद तिवारी ने किया। अंत में डी राहुल वेंकट ( आईएएस) कलेक्टर एमसीबी  एवं सह जिला निर्वाचन अधिकारी   द्वारा एक  मई  को एक लाख लोगों को मतदान के शपथ दिलाने के ऐतिहासिक आयोजन के लिए साहित्यकारों ने शुभकामनाएं  दी एवं प्रसन्नता व्यक्त किया।


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