दरअसल , उन्होंने ये दावा एक ‘निजी’ न्यूज चैनल के कार्यक्रम में किया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि CAA लागू करने की बात अमित शाह ने पहली बार कही है। उन्होंने बीते साल दिसंबर में अपने बंगाल दौरे के दौरान दावा किया था कि CAA को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता है।

जानकारी दें कि, कुछ समय पहले गृह मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी थी कि, इस कानून के नियम-कायदों को जल्द ही लागू किया जाएगा। संभावना भी जतायी गई थी कि आगामी फरवरी में CAA के नियम लागू हो जाएंगे। इसकी पूरी तैयारी की जा रही है। वहीं इसके लिए एक पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है।

क्या है CAA?

दरअसल CAA के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके लिए इन तीन देशों से आए विस्थापितों को कोई दस्तावेज देने की भी जरूरत नहीं है।

वेब पोर्टल भी तैयार

जानकारी दें की CAA के लिए एक पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है। इस बाबत ‘पात्र’ पड़ोसी देशों से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा और गृह मंत्रालय इसकी जांच कर नागरिकता जारी कर देगा। बता दें कि नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास ही है।