प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य पर निकली भव्य शोभायात्रा, लोगों ने गुरुव्दारा पहुंचकर गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका

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 राजनांदगांव : सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव का 554 वां प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में पंज प्यारो की अगुवाई में भव्य शोभायात्रा राजनांदगांव शहर में निकाली गई । इस अवसर पर सिख समुदाय के लोग गुरु ग्रंथ साहिब का अरदास सहित शबद कीर्तन और गुरुवाणी का गायन करते हुए चल रहे थे। प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुव्दारा को भव्य रोशनी से सजाया गया है। इस मौके पर सिक्ख समाज के लोगो ने श्री गुरुनानक देव के मानवता का संदेश जन-जन तक पहुंचाया। आगामी 27 नवम्बर को गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी।

राजनांदगांव शहर के श्री गुरुसिंग सभा व्दारा श्री गुरुनानक देव जी की 554 वीं जयंती प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। पंज प्यारो की अगुवाई में निकली इस शोभायात्रा मे सिक्ख समुदाय के लोगगुरु ग्रंथ साहिब का अरदास सहित शबद कीर्तन और गुरुवाणी का गायन करते हुए चल रहे थे । शोभायात्रा का शुभारंभ पुराना गुरुद्वारा साहेब से शुरु होकर शहर के विभीन्न मार्गो चौक चौराहो का भ्रमण करते हुए वापस गुरुव्दारा पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान जगह-जगह शोभायात्रा का विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संस्था द्वारा स्वागत किया गया। शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से कुलबीर सिंह छाबड़ा ने शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया

कुलबीर सिंह छाबड़ा ने बताया कि राजनांदगांव शहर में निकली गुरु ग्रंथ साहिब की शोभायात्रा के दौरान इस बार ट्रक पर स्वर्ण मंदिर के स्वरूप में गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी तैयार की गई थी। इस अवसर पर श्री गुरूसिंग सभा के संयुक्त सचिव गुरदीप सिंह बग्गा ने बताया कि गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार स्वर्ण मंदिर का स्वरूप शोभायात्रा में काफी आकर्षक का केंद्र है। उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव के मानवता का संदेश जन जन पहुंचाया जा रहा है ।

गुरदीप सिंह बग्गा ने कहा कि, प्रकाश पर्व के अवसर पर निकली शोभायात्रा में सैकड़ो की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। इस शोभायात्रा के दौरान शौर्य का प्रतीक अखाडा़ का भी प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व समाज के लोगो ने प्रभात फेरी निकालकर गुरु नानक देव जी के संदेश को जन जन तक पहुंचाया ।

 

इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब को भी आकर्षक रोशनी से सजाया गया है। समाज के लोगो ने  गुरुव्दारा पहुंचकर  गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका और सुख समृध्दि की कामना की।

 

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